Hindi Romantic Poems | Hindi Poem Of The Month |
बुरा ना मानो तो एक बात कहूं
बुरा ना मानो तो एक बात कहूं,
उम्र भर मैं जो तेरे साथ रहूं।
आ जाऊं मैं तेरी पनाहों में,
भर लूंगी तुझको मैं मेरी बाहों में।
तेरे हर गम मैं सह लूंगी,
तेरी हर आंसू मैं पी लूंगी।
खुशियों के फूल बिछा दूंगी मैं तेरी राहों में।
बुरा ना मानो तो एक बात कहूं,
उम्र भर में जो तेरे साथ रहूं।
सवारू तुझको मैं अपनी यादों में,
बसा लूं तुझको मैं अपनी आंखों में।
मेरे हर शब्द में मैं तुझको बुलाउगी,
चांद तारों से तेरे आंगन को सजाऊंगी।
मेरी जान तुम यूं क्यों खामोश हो?
तुझे छोड़कर कभी नहीं जाऊंगी,
तेरी खातिर तो इस दुनिया से भी लड़ जाऊंगी।
बुरा ना मानो तो एक बात कहूं,
उम्र भर में जो तेरे साथ रहूं।
पहले प्यार की पहली बरसात
प्यार की वो बरसात
तेरी मेरी पहली मुलाकात
हां याद है मुझे।
तेरा वो चुपके से आना,
और आकर मुझसे लिपट जाना।
फिर तेरा वो शर्माना,
शर्मा कर पलके झुकाना
हां याद है मुझे।
तेरे वो भीगे हुए बाल,
उलझे हुए बालों को उंगलियों से सुलझाना।
तेरी वो मीठी हंसी,
फिर हंसकर, वो तेरा खुद में सिमट जाना
हां याद है मुझे।
तेरा वो करीब आना,
और मेरी धड़कनों का थम जाना
फिर तेरे लबों पे मेरा नाम आना
तेरी सांसों का मेरी सांसों में मिल जाना
हां याद है मुझे।
तेरा वो मुस्कुराना,
और आंखों से सब कह जाना
फिर तेरी खुशबू से
मेरे घर को महकाना
हां याद है मुझे।
प्यार की वो बरसात
तेरी मेरी पहली मुलाकात
हां याद है मुझे।
ख्वाहिश
हमको प्यार है उनसे,
इजहार बाकी है।
वह भी चाहते हैं हमें,
यह गवाही दे रही है उनकी आंखें,
बस इकरार बाकी है।
शाम ओ सहर
हर एक पहर
हमने तक की है राह उनकी,
बस उनका दीदार बाकी है।
खूब सजे, खूब संवरे
हम खुद के लिए,
अब उनके लिए
सोलह शृंगार बाकी है।
हमको प्यार है उनसे,
बस इजहार बाकी है
वह भी चाहते हैं हमें,
यह गवाही दे रही है उनकी आंखें
बस इकरार बाकी है।
चाहत
हर लम्हा हम चाहते हैं तुम्हें,
पर अपनी चाहत को दिखा न सके।
हमें सिर्फ तुम्हारा ही ख्याल है,
पर यह कभी जता न सके।
हमारी नजरों से दूर सही,
हमारी रूह में बसे हो तुम।
जिंदगी जीते तो है हम,
पर बन कर खुशबू
हमारी सांसो में बसे हो तुम।
दिल हमारे सीने में है तो सही,
पर हमारे दिल की धड़कनों में बसे हो तुम।
इस दुनिया में लाख़ झमेले सही,
पर हमारा सुकून हो तुम।
हमारी ख्वाहिशें तो कुछ भी नहीं,
पर हमारा जुनून हो तुम।
हर वक्त,
हर पल,
हर लम्हा
हमारा तुम्हारा साथ रहे,
बस इतनी सी ख्वाहिश है हमारी।
फिर डर जाते हैं हम तुमसे,
कही रूठ ना जाओ तुम हमसे।
शायद इसीलिए इतनी सी बात,
हम तुम्हें बता ना सके।
हर लम्हा हम चाहते हैं तुम्हें,
पर अपनी चाहत को दिखाना सके।
हमें सिर्फ तुम्हारा ही ख्याल है,
पर यह कभी जता न सके।